About Mau

मऊ के बारे में (About Mau)

मऊ का विकास

मऊ पूर्वी उत्तर प्रदेश का सुप्रसिद्ध एवं औद्योगिक दृष्टि से उन्नत जनपद है। रामायण एवं महाभारत कालीन सांस्कृतिक एवं पुरातात्विक अवशेष इस भू-भाग में यत्र-तत्र मिलते हैं। कहा जाता है कि त्रेतायुग में महाराजा दशरथ के शासन काल में इस स्थान पर ऋषियों की तपोभूमि थी। इसी तमसा तट पर आदि कवि महर्षि बाल्मीकि का आश्रम था।

                                  

   वर्ष 1801 में आजमगढ़ और मऊनाथ भंजन ईस्ट इंडिया कम्पनी को मिले और यह क्षेत्र गोरखपुर जनपद में शामिल कर लिया गया। सन् 1932 में आजमगढ़ स्वतन्त्र जिला बनाया गया जो स्वाधीनता के बाद 1988 तक कायम रहा। 19 नवम्बर 1988 को एक अलग जनपद के रूप में मऊ का सृजन हुआ। यह जनपद निरन्तर प्रगति के पथ पर अग्रसर है। मऊ जनपद का क्षेत्रफल 1713 वर्ग कि०मी० है। मऊ में एक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र और 4 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र (घोसी, मधुबन, मऊ और मुहम्मदाबाद गोहना) हैं। जनपद में 4 तहसील, 9 सामुदायिक विकास ब्लॉक, 92 न्याय पंचायत, 675 ग्राम पंचायत और आबादी वाले गांवों की संख्या 1499 है। इसके अलावा एक नगर पालिका परिषद, 10 नगर पंचायत तथा 12 पुलिस थाने हैं।


मुहम्मदाबाद का विकास

मुहम्मदाबाद गोहना, मऊ से 24 किमी० पश्चिम एवं आजमगढ़ से 23 किमी० पूरब में मऊ-बलिया रोड पर स्थित है। सड़क मार्ग से यह स्थान वाराणसी, आजमगढ़, प्रयागराज (इलाहाबाद), लखनऊ, गोरखपुर, गाजीपुर जैसे महानगरों से जुड़ा है । रेल मार्ग से पूर्वोत्तर रेलवे से मऊ, बलिया शाहगंज मार्ग पर स्थित मुहम्मदाबाद गोहना रेलवे स्टेशन से उतर कर रिक्शा, ई-रिक्शा, बस अथवा आटो द्वारा मेवाती देवी महाविद्यालय तक पहुंचा जा सकता है। मुहम्मदाबाद गोहना से महाविद्यालय की दूरी (मऊ - आजमगढ़ मार्ग पर) मात्र 5 किमी. है।